सावधान !- धान 37.5 क्विंटल से अधिक बेचने पर राशन कार्ड होगा निरस्त - आदेश पंजीयन प्रक्रिया के पहले ही जारी हो चूका है ! बिचौलियों से धान खरीदी ना हो इसके लिए उठाये जा रहे है सख्त कदम .

छत्तीसगढ़ में सीमांत और  लघु किसान यदि तय मात्रा से अधिक धान की बिक्री करेंगे तो उनका राशनकार्ड निरस्त कर दिया जाएगा।कृषकों मे ये चर्चा का विषय है ,लेकिन ज्यादातर कृषक इसे एक अफवाह मन रहे है किन्तु सरकार ने पंजीयन प्रक्रिया के पहले से ही इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।


  • इस बार समितियोंके धान खरीदी केन्द्रों में 31 दिसम्बर से प्रारंभ होगा ! 
  • छत्तीसगढ़ में राज्य के किसानों से धान कि खरीदी 2500 रूपये / क्विंटल से किया जायेगा | यह केवल पंजीकृत किसानों के लिए रहेगा |
  • मापक यंत्र से जांच कर, 17 प्रतिशत से अधिक नमी वाले धान की खरीदी नहीं की जायेगी।
  • समर्थन मूल्य पर किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल के मान से धान खरीदा जाएगा।



जानकारी के मुताबिक शासन ने तय किया है कि जिनके पास पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि है और जो 75 
क्विंटल से अधिक धान बेचेगा वह गरीब की श्रेणी में नहीं आता है। ऐसे लोगों का राशन कार्ड निरस्त होगा।  
कैबिनेट सब कमेटी धान बिक्री के लिए किसानों का पंजीयन प्रक्रिया नवीनतम आदेश के अनुसार 7 नवम्बर तक कृषको का धान विक्रय हेतु खरीदी केंद्र /समितियों मे पंजीयन होना है कलेक्टरों को कहा गया है कि अन्य फसलों के रकबे का धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं होना चाहिए, इससे अवैध धान बिक्री की गुंजाइश नहीं रहेगी। विधिक व्यक्तियों यथा ट्रस्ट, प्राइवेट कंपनी अथवा केन्द्र, या राज्य सरकार की संस्था की जमीन को धान बोने के लिए यदि लीज दिया गया है तो विवरण देना होगा। 

अधिक बेचने पर राशन कार्ड होगा निरस्त

सीमांत तथा लघु कृषक होने के आधार पर जिन लोगों ने प्राथमिकता वाले राशन कार्ड प्राप्त किया है किंतु ऐसे सीमांत किसान जो 37.5 क्विंटल से अधिक मात्रा का समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करेंगे एवं ऐसे लघु किसान जो 75 क्विंटल से अधिक मात्रा का समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करेंगे उन्हें चिह्नांकित कर उनका राशनकार्ड निरस्त किया जाएगा।



इतना धान बेच सकेंगे किसान


सीमांत तथा लघु किसान होने के आधार पर जिन लोगों ने राशन कार्ड लिया है, किन्तु ऐसे सीमांत किसान जो 37.5 क्विंटल और लघु किसान 75 क्विंटल से अधिक मात्रा का समर्थन मूल्य पर धान बेचेगें तो उन्हें चिन्हांकित कर उनके राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे। यह प्रावधान कृषक की खुद की धारित भूमि पर लागू होगा। ताकि कृषकों को धोखे में रखकर बिचौलियों के द्वारा उनके नाम पर अवैध भूमि पंजीयन कराकर धान विक्रय का प्रयास न किया जा सके।

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